Sunday, January 27, 2013

तेरे ये दो नैन


तेरे ये दो  नैन

मधुर मुस्काते तेरे ये दो  नैन,
धुन जिन्दगीकी सुनाते  ये  प्यारे नैन ।।ध्रु ।।

खुशियोंका  सागर बसता यहाँ,
ये नूर ए  चमन महकते सदा ,
चमकते रहे, दमकते रहे, कभी हो  न तुम बेचैन ।।1।।

रंग  आसमान का तुजमे है ,
काजल का काला गहरापन ,
झलकते रहे,छलकाते रहे, बौछार हो मधुमैन ।।2।।

पुरे विश्व की भाषा एक यहाँ,
ना उच -निच का भेद जहा,
गाते रहे, गुनगुनाते रहे, चुप हो  ना दिन रैन ।।3।।

अलौकिक संगीत बजता यहाँ,
कानोकी तृप्ति और  मधुर वचन,
बजते रहे , बजाते रहे, अंग अंग बजे  मृदंग ।।4।।

........................................................सुमतिनंदन 

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