तेरे ये दो नैन
मधुर मुस्काते तेरे ये दो नैन,
धुन जिन्दगीकी सुनाते ये प्यारे नैन ।।ध्रु ।।
खुशियोंका सागर बसता यहाँ,
ये नूर ए चमन महकते सदा ,
चमकते रहे, दमकते रहे, कभी हो न तुम बेचैन ।।1।।
रंग आसमान का तुजमे है ,
काजल का काला गहरापन ,
झलकते रहे,छलकाते रहे, बौछार हो मधुमैन ।।2।।
पुरे विश्व की भाषा एक यहाँ,
ना उच -निच का भेद जहा,
गाते रहे, गुनगुनाते रहे, चुप हो ना दिन रैन ।।3।।
अलौकिक संगीत बजता यहाँ,
कानोकी तृप्ति और मधुर वचन,
बजते रहे , बजाते रहे, अंग अंग बजे मृदंग ।।4।।
........................................................सुमतिनंदन
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